80 20 Rule In Hindi – Vilfredo pareto इटली के एक नामी इकोनॉमिस्ट थे । एक बार जब वह अध्ययन कर रहे थे ,तभी उन्हें 1897 में इंग्लैंड के संपत्ति वितरण और आमदनी के विषय में लेख पढ़ रहे थे । तभी उनको एक अनूठी बात पता चली ,कि इंग्लैंड के अधिकृत जमीन एवं धन सिर्फ चंद लोगों के हाथ में है । यही नहीं उन्हें यह भी जानकर हैरानी हुई, कि मात्र 20% लोग इंग्लैंड की संपूर्ण जमीन के स्वामी है।
इस फैक्ट के सामने आते ही इकोनॉमिस्ट की जिज्ञासा और बढ़ी ,और उन्होंने इस बारे में खूब गहन अध्ययन किया और रिसर्च से पता लगाया, कि यह प्रिंसिपल न केवल दूसरे देशों एवं दूसरे टाइम के विषय में सच साबित हुआ ,बल्कि धन के अतिरिक्त अन्य चीजों के बारे में भी पूर्ण रूप से सच है।
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80/20 रूल क्या है ?
यह नियम बताता है, कि कोई भी कार्य जिसमें हम सर्वाधिक श्रम देते हैं 80% कार्यों से हमें 20% श्रम का ही अच्छा परिणाम प्राप्त होता है । जबकि इसके विपरीत 20% कार्यों से व्यक्ति को 80% अच्छे परिणाम यानी लक्ष्य की प्राप्ति होती है।
एक छोटे से उदाहरण मात्र से यह स्पष्ट हो जाएगा मान लीजिए ,किसी गार्डन में मटर की खेती 80% मटर लगाने पर 20% ही मटर की फली निकल रही है। ऐसे में यह प्रिंसिपल तैयार हुआ, उसे Pareto प्रिंसिपल या संक्षिप्त 80-20 प्रिंसिपल भी कहते हैं ।यह वैज्ञानिक रूप से अन्य चीजों में भी लागू होता है। जैसे कि व्यापार, संबंध अध्ययन एवं स्वास्थ्य |
Pareto/80 20 Rule प्रिंसिपल को हम कहां कहां अप्लाई कर सकते हैं ?
1)अध्ययन की दृष्टि से – (From The Study Point of View)
सबसे पहली बात जो बेहद ध्यान देने योग्य है ,कि जहां पर 80-20 प्रिंसिपल अप्लाई होता है। ऐसे में विद्यार्थी को विचार करना है कि उसे क्या-क्या अध्ययन करना है ?
सामान्य तौर पर देखा गया है, कि कुछ विद्यार्थी पूरी पाठ्य सामग्री संपूर्ण रूप से पढ़ते हैं। जब उनकी परीक्षा निकट होती है। सब कुछ पढ़ने के बाद भी उन्हें एक भी प्रश्न अच्छे से नहीं याद हो पाता। वह पेपर को खराब करके चले आते है।
वहीं दूसरी ओर दूसरा विद्यार्थी पिछले वर्षों के पूछे गए प्रश्नों का अध्ययन करता है। साथ ही कक्षा में शिक्षकों द्वारा महत्वपूर्ण प्रश्न को याद करता है। जिससे कि वह सर्वाधिक अंकों से पास हो जाता है।
2)पढ़ने का समय निर्धारण हेतु – (Schedule Your Study Time)
एक अन्य चीज जिसे विद्यार्थी को एक 80-20 प्रिंसिपल का प्रयोग किया जा सकता है। पढ़ाई का उचित समय निर्धारण के लिए पहला छात्र परीक्षा के दौरान सुबह से लेकर शाम तक अध्ययन करता है ।जो कि बिल्कुल गलत है। आम दिनचर्या में विद्यार्थी का ध्यान तरह-तरह के क्रियाकलापों पर होता है ।
अचानक से कुछ समय के परिवर्तन करके शीघ्र अतिशीघ्र बेहतर परिणाम मिलना नामुमकिन है ।क्योंकि परीक्षा के होते ही छात्र द्वारा मनमाने ढंग से पढ़ाई करना शुरू कर देता है ।जिससे कि उसका ध्यान पढ़ाई पर ना होकर अन्यत्र लग जाता है। यह पढ़ाई करने का सही तरीका भी नहीं माना जा सकता है
वहीं दूसरे छात्र की बात करें, तो वह नियत समय पर उठकर योजनाबद्ध तरीके से अध्ययन करता है। जिससे कि उसका पूरा ध्यान पढ़ाई की ओर केंद्रित हो जाता है ।वह अन्य क्रियाकलापों के अलावा पढ़ाई में भी पढ़ाई भी उसकी दिनचर्या में शामिल है। परीक्षा होने के उपरांत भी वह अपनी दिनचर्या में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं लाता है ।जिससे कि उसे परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त होते है ।
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80 20 प्रिंसिपल को कैसे करें अप्लाई ? – (How To Apply Pareto Principle)
ज्यादातर लोगों के मन में यह प्रश्न उठता है ,कि 80-20 प्रिंसिपल का उपयोग कैसे होता है, हम आपको बहुत ही आसान और रोचक तरीके से बताते हैं।
सर्वप्रथम व्यक्ति को समय का निर्धारण कर लेना चाहिए ,कि किस समय कौन सा कार्य संपन्न करें। इसके लिए आपको एक लिस्ट बनाना है यह लिस्ट मात्र 1 हफ्ते के लिए तैयार कीजिए, एक हफ्ते के क्रियाकलापों पर ध्यान दीजिए ,तो आपको यह विदित होगा साथ ही आश्चर्य भी होगा, कि आपको 80 प्रतिशत योजनाबद्ध तरीके से चली गई दिनचर्या में केवल 20% गतिविधि के ही अच्छे परिणाम मिल रहे हैं।
अब आपका दूसरा टास्क यह होगा कि आप अपनी दिनचर्या में से 80% कार्यों को कम करेगे , और 20% सफल परिणाम दे रहे कार्यों को की ओर उन्मुख होंगे ,जिससे आपको 80% अच्छे परिणाम मिल सके।
उपरोक्त पंक्तियों से यह स्पष्ट हो जाता है, कि जिन कार्यों से हमारे समय की बर्बादी हो रही हो, उसे धीमी गति से छोड़ देना चाहिए। इसके अतिरिक्त जो कार्य आपको सफल बना रहे हो, उन कार्यों को करने में अधिक बल दे
80-20 प्रिंसिपल अप्लाई करने के फायदे – (Advantages of Pareto Principle)
मित्रों , जीवन के किसी भी पड़ाव में या किसी भी क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करने के लिए 80-20 नियम का उपयोग करके ,आप अपने पूर्व निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है ।
1) यदि आप एक सफल बिजनेसमैन बनना चाहते हैं ,तो इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, 80-20 नियम के तहत सर्वप्रथम ,उन कार्यों को प्राथमिकता दीजिए, जिससे आपका बिजनेस बुलंदी पर पहुंच सकें।
2) विद्यार्थी जीवन में भी इस नियम का अनुप्रयोग करके विद्यार्थी अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है ।इसके लिए आपको एक नियोजित समय पर अनुशासन में रहकर चुनिंदा महत्वपूर्ण टॉपिक पर विशेष ध्यान देकर पढ़ाई करनी चाहिए ।इससे व्यक्ति का ध्यान केंद्रित होगा, साथ ही लक्ष्य की प्राप्ति होगी।
3) व्यक्ति के लिए अध्ययन ,धन के अलावा संबंध भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं ।काम के साथ अपनों को भी महत्व देना बेहद अहम है। 80-20 Rule का उपयोग करके आप पाएंगे, कि एक सफल व्यक्ति अपने करीबी रिश्तो को पर्याप्त समय देते हैं, जो उनके दुख एवं सुख में चट्टान की भांति खड़े रहते हैं।
4) ऐसा नहीं है कि आप किसी विशेष लक्ष्य की प्राप्ति हेतु ही 80-20 नियम का पालन करें, अपनी दिनचर्या को प्रभावी बनाने के लिए भी आप इसका प्रयोग कर सकते हैं, इसके लिए आपको उस कार्य पर विशेष समय देना होगा, जो आपको बेहतर परिणाम दिलाएं।
5) मानव सामाजिक प्राणी है ,यानी समाज से ही उसका अस्तित्व है। समाज में ही रहकर उसका सर्वागीण विकास होता है। व्यक्ति को धन, रिश्ते के अलावा समाज को भी लेकर चलना पड़ता है। समाज में अपनी पकड़ बनाने के लिए 80-20 रूल्स का आप इस प्रकार से प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए आपको हर समय जो आपका साथ दे ,जिनकी मौजूदगी से आपको खुशियां हासिल हो ,उनसे जुड़े रहिए उनसे संपर्क बनाए रखिए।
80-20 रूल्स के एक आदर्श उदाहरण – (Example)
Pareto का 80-20रूल्स विद्यार्थी जीवन में क्यों महत्वपूर्ण है ? यह एक उदाहरण के माध्यम से स्पष्ट कर सकते है ।
दो विद्यार्थी एक एग्जाम की तैयारी में जुटे हुए थे ।पहला विद्यार्थी दिन भर में 15 घंटे अध्ययन करता था। वही दूसरा विद्यार्थी मात्र 6 घंटे ही अध्ययन करता था ।उसके दोस्तों एवं रिश्तेदारों को पूरा भरोसा था, कि पहला विद्यार्थी निश्चित तौर पर अच्छे अंक प्राप्त करेगा यह भी संभव है, कि वह कक्षा में टॉप करें
वहीं दूसरी ओर लोग उस दूसरे विद्यार्थी को हीन दृष्टि से देखते थे, उनका मानना था, कि वह ज्यादा अच्छे अंक नहीं प्राप्त कर सकेगा।
परंतु जब रिजल्ट आया तो हुआ उसका उल्टा ,दूसरा विद्यार्थी पहले की अपेक्षा अधिक अंको से पास हुआ ,ऐसा इसलिए संभव हो सका, क्योंकि दूसरा विद्यार्थी योजनाबद्ध तरीके से अध्ययन करता था।
वास्तविकता इसके पीछे यह थी, कि दूसरे विद्यार्थी ने Pareto के 80-20 रूल्स के बारे में अच्छी जानकारी थी,इसका उसने बेहतर प्रयोग किया, जिससे कि वह कम समय में भी प्रभावी परिणाम उसको मिला, वही पहले विद्यार्थी को इस रूल्स की तनिक भी जानकारी नहीं थी।
अब हम आपको पहले विद्यार्थी की सफलता के पीछे की तैयारी के विषय में बता रहे हैं , कि कैसे उसने इतनी 80-20 की मदद से अपना निर्धारित लक्ष्य प्राप्त किया,
इस नियम का अनुप्रयोग करके विद्यार्थी ने सर्वप्रथम पाठ्य सामग्री को दो भागों में बांट दिया ,पहले हिस्से में उसने 20% उन महत्वपूर्ण प्रश्नों को रखा, जिन की परीक्षा में आने की संभावना थी ,महत्वपूर्ण प्रश्नों की जानकारी उसे शिक्षकों के माध्यम से ली इसके लिए उसने पिछले गत वर्षों में आए हुए प्रश्नों की पुनरावृत्ति देखी ,दूसरे हिस्से में उसने कम महत्वपूर्ण प्रश्नों को इस श्रेणी में रखा।
वह 6 घंटे पहले महत्वपूर्ण प्रश्नों की तैयारी में देता, एवं एक घंटा कम महत्वपूर्ण प्रश्नों की तैयारी करता, इससे उसके पास बाकी समय खेलकूद एवं अन्य गतिविधियों के लिए हो जाता था ,और सभी गतिविधियों में वह बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता।
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सारांश – (Conclusion)
इस तरह आप समझ गए होंगे, कि Pareto का 80-20 रूल्स व्यक्ति को सफलता दिलाने में कहां तक सार्थक है । यह कैसे व्यक्ति को कम समय में भी बड़ी सफलता दिला सकता है। यही नहीं ,यह आपको किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने में भी काफी कारगर है। चाहे वह व्यापार, शिक्षा एवं संबंध ही क्यों ना हो ,सभी का एकमात्र लक्ष्य है व्यक्ति को सफल बनाना .
कभी-कभी बेहद श्रम लगाने पर भी सफलता हासिल नहीं होती, इसके पीछे कारण यह है, कि व्यक्ति के पास अपनी कोई प्रभावी योजना नहीं होती, वह सिर्फ श्रम के सहारे सफल होना चाहता है। जबकि सफलता के लिए व्यक्ति को तरह तरह के परिवर्तन समय-समय पर करने होते हैं । तभी व्यक्ति को सफलता मिलती है । सफल होने के लिए व्यक्ति योजनाबद्ध एवं तन्मयता के साथ चरणबद्ध तरीके से कार्य करना चाहिए। यह केवल 80-20 के प्रिंसिपल के माध्यम से ही संभव है।