विद्यार्थी जीवन में सफलता की प्रारंभिक सोपान एक अच्छी दिनचर्या भी है ।विद्यार्थी प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व उठकर अपने शरीर को पूर्ण रूप से स्वच्छ करना चाहिए। उसके पश्चात विद्यार्थी को 15 -20 मिनट निश्चित रूप से व्यायाम के लिए निकालना चाहिए। यह शरीर को सुदृढ़ता प्रदान करता है।
सूर्योदय से पूर्व विद्यार्थी नहीं उठता एवं शरीर की स्वच्छता का ध्यान नहीं रखता। तो इससे उसके शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है ।उसे तरह-तरह की व्याधिया घेर लेती है।
प्रारंभिक रूप से शरीर को पूर्ण रूप से स्वच्छ कर लेने के पश्चात, विद्यार्थी को कुछ समय के लिए व्यायाम करना चाहिए ।उसके उपरांत अंकुरित चने को अच्छे से चबाकर खाना चाहिए ।यह बहुत ही सेहतप्रद नाश्ता है।
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विद्यालय जाने एवं लौटने के बाद का समय उचित रूप से निर्धारित कर लें ।उसके पश्चात सुबह से लेकर शाम दोनों समय के लिए एक उचित दिनचर्या बना ले कि बाकी समय में सदुपयोग कैसे करें । यह स्मरण रखें, कि भोजन निर्धारित समय पर ही करें ।भोजन करते समय मन को एकाग्र रखें ,इससे भोजन के सभी रस एवं पौष्टिक तत्व शरीर में पहुंच सके।
भोजन करते समय किसी बात पर किसी से मतभेद भेजना करें ,इससे भी सर्वोत्तम उपाय यह है, कि भोजन करते समय शांत मुद्रा में ही भोजन करें। जिससे व्यक्ति का ध्यान केवल भोज्य पदार्थों को खाने और चबाने की ओर हो ।नियोजित तरीके से खाने से पाचन तंत्र सुदृढ़ होता है ।विद्यार्थी को कब्ज ,अपच की शिकायत नहीं होती है
विद्यार्थी जीवन में मनोरंजन को की भी बहुत अहम भूमिका होती है ।परंतु मनोरंजन सीमित समय तक ही करें ।बहुत अधिक टीवी ना देखें इससे आंखों पर बुरा असर पड़ता है। साथ ही समय की बर्बादी होती है। रात्रि का भोजन तीन घंटे पूर्व ही कर ले ।इससे भोजन को पचने में कठिनाई ना हो ।शरीर को को संपूर्ण आहार के रूप में दूध की आवश्यकता होती है ,अतः सोने से पूर्व एक गिलास दूध का सेवन अवश्य रूप से करें। शारीरिक रूप से दुर्बल व्यक्ति को एक से दो चम्मच शहद में दूध मिलाकर पीना चाहिए ।परंतु सोने से पूर्व दांतों में ब्रश निश्चित तौर पर करें।
पढ़ाई करने का एक टाइम टेबल बना ले ,उसी के अनुसार अध्ययन करें, नियमित रूप से अध्ययन करने से पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ेगी ।विद्यार्थी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगा। सोते समय दिमाग पर किसी भी तरह का दबाव ना डालें। इससे तनाव उत्पन्न होगा यदि विद्यार्थी को नींद नहीं आ रही है, तो ऐसी स्थिति में अपनी श्वास को लेने एवं छोड़ने पर ध्यान केंद्रित करें ।इससे पहले विद्यार्थी को अपने हाथ, पैर ,मुंह स्वच्छ पानी से धो लेना चाहिए, और साथ ही मन में एक संकल्प लेना चाहिए विद्यार्थी को निर्धारित समय पर उठना है ।इसका लाभ होगा, कि आप बिना अलार्म के आपकी निद्रा खुल जाएगी।
विद्यार्थी को प्रातः उठने से संबंधित नियम विद्यार्थी जीवन में ही नहीं बल्कि यह जीवन पर्यंत विद्यार्थी के लिए सफलता के दरवाजे खोल देता है ।जीवन के सभी पड़ाव में हमें प्रातः उठने का नियम का अनुसरण करना चाहिए। यह हमारी सफलता की चाबी है ।इससे व्यक्ति को अच्छी सेहत प्राप्त होती है। यदि आप किसी महापुरुष की जीवनी पढ़ेंगे ,तो उनकी दिनचर्या में प्रातः उठना एक अहम भूमिका निभाता है ।