Godan Book Review In Hindi – आपका स्वागत है हमारे नए ब्लॉग पोस्ट में तो आज हम आपको बताएंगे कि यदि आप हिंदी साहित्य को जानने में इंटरेस्ट रखते हैं तो यह गोदान नामक बुक आपके लिए बहुत ही सही बुक साबित होने वाली है.
गोदान हिंदी का एक ऐसा उपन्यास है जिसने के विकास में एक बहुत ही इंपॉर्टेंट रोल निभाया है.
क्या आप एक ऐसी ही बुक का इंतजार कर रहे हैं जिसे पढ़कर आपको अपने देश में अपने संस्कृति में गर्व होगा तो यह बुक आपके लिए बिल्कुल सही बुक है.
इस उपन्यास में आपको भारतीय संस्कृति के ग्रामीण समाज एवं परिवेश का पूर्ण सजीव वर्णन मिलेगा.
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Table of Contents
About Book
गोदान नामक उपन्यास प्रेमचंद का आखरी और सबसे महत्वपूर्ण उपन्यास माना जाता है. कुछ लोग तो इसे भारतीय समाज का सबसे सर्वोत्तम उपन्यास भी मानते हैं.
इसका प्रकाशन 1936 ईस्वी में मुंबई में किया गया था और इसमें भारतीय समाज के ग्रामीण वर्ग के लोगों से जुड़े हुए सभी परिवेश का सजीव विवरण है.
गोदान नामक उपन्यास भारतीय संस्कृति का एक बेजोड़ मेल है जिसमें प्रगतिवाद गांधीवाद और साम्यवाद का पूर्ण चित्रण किया हुआ है.
गोदान उपन्यास हिंदी के उपन्यासों का और साहित्य के विकास का एक महत्वपूर्ण प्रकाशस्तंभ है.
अब आप सोच रहे होंगे कि इस बुक में आखिर है क्या?
गोदान में जो नायक के रूप में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं वह है होरी और जो नायिका है वह धनिया और दोनों के इस परिवार में जो भी चीजें होती हैं उसे एक भारतीय संस्कृति के हिसाब से आप इस उपन्यास में लिखित रूप में पाएंगे.
इस उपन्यास के अंदर भारतीय संस्कृति का उस दौर का उल्लेख किया गया है जो कि अब समाप्त हो रही है या फिर समाप्त होने वाली है जिसमें भारतीय मिट्टी की सोंधी खुशबू है. इस तरह की भारतीय संस्कृति को प्रेमचंद्र ने अपने इस उपन्यास गोदान में अमर बना दिया है.
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About Wrtiter – मुंशी प्रेमचंद्र
जिस दौर में मुंशी प्रेमचंद का जन्म हुआ था वह दौर एक सामाजिक धार्मिक रूढ़िवाद से भरा हुआ दौर था और इसका असर उनके लिखे हुए उपन्यासों और कहानियों में देखने को मिलता है.
जब वह कथा और साहित्य के इस सफर में चले तो उनको अलग-अलग तरह के रूडीवादों का सामना करना पड़ा और उन्होंने अपनी कला के इस शस्त्र से समाज को मुक्त कराने का संकल्प लिया.
प्रेमचंद्र और शोषण का उनका बचपन का नाता रहा है क्योंकि उनके बचपन में उनका बहुत ज्यादा शोषण हुआ है और प्रेमचंद्र इस चीज से बहुत ही सही तरीके से वाकिफ भी हो गए थे. उनका मानना था कि समाज में रहने वाले हर व्यक्ति को किसी न किसी वर्ग से जुड़ना ही होगा यदि उसे अपनी रक्षा करनी है.
वह कहते थे यदि समाज में रहने वाले लोगों को जितनी सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा वहां पर उतने ही ज्यादा गुनाह होंगे, यदि लोग खुशहाल रहेंगे तो गुनाह उतने ही कम होंगे या फिर ना के बराबर होंगे. प्रेमचंद ने अपनी कहानियों और उपन्यासों में समाज के के विभिन्न वर्गों की करतूतों और हद कंडों का पर्दाफाश किया है और इसी कुछ करतूतो और हद खंडों का पर्दाफाश आपको उपन्यास गोदान में भी देखने को मिलेगा.
Why You Should Buy This Book – आपको यह बुक क्यों खरीद कर पढ़नी चाहिए?
उपन्यास वही सबसे बेहतर माने जाते हैं जिसमें आदर्श तथा सच्चाई के बीच में सही तरह से सामंजस्य बैठाया गया हो. और गोदान में आपको दो कथाएं साथ में देखने को मिलेंगी – 1 ग्राम कथा है और दूसरी नगरी कथा में परस्पर संतुलन पाया जाता है यह दोनों कथा है इस उपन्यास की दुर्बलता नहीं सशक्त विशेषता है.
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यदि हमें तत्कालीन समय के भारतवर्ष को समझना है तो हमें निश्चित रूप से गोदान को पढ़ना चाहिए इसमें देश काल की परिस्थितियों का सटीक वर्णन किया गया है कथा के ना पाठकों के मन में गहरी संवेदना भर देती है संयुक्त परिवार के विघटन की पीड़ा पूरी को तोड़ देती है परंतु गोदान की इच्छा उसे जीवित रखती है.
मुंशी प्रेमचंद्र का या गोदान उपन्यास पिछले उनके सभी उपन्यासों से काफी अलग साबित होता है यदि आप कुछ अपने देश के संस्कृति के बारे में कुछ सीखना चाहते हैं तो इस बुक को जरूर पढ़ें.
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Conclusion
Godan Book Review In Hindi – आजकल के टाइम में हमारी पुरानी संस्कृति को समझ पाना उतना ही कठिन है जितना हमें किसी नई संस्कृति को अपना पाना.
यदि आप पुरानी संस्कृति की झलक पाना चाहते हैं और उसका वर्णन बहुत ही सही तरह से जानना चाहते हैं तो आपको गोदान उपन्यास जरूर पढ़ना चाहिए.
ऊपर लिखे हुए सारे वर्णन के हिसाब से गोदान उपन्यास आपके विचारधारा में बिल्कुल खरी उतरेगी.
यदि आपको इस बुक का रिव्यू पसंद आया हो तो अपने दोस्तों तक जरूर शेयर करें.
धन्यवाद!